यह मैच जो था वह Austrelia vs India के बीच मे था । इस मैच से सबक तो ऑस्ट्रॉलिया वालो ने लिया होगा क्योंकि जीतकर हारनेवालोको ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी कहते है ऐसा पहली बार हुआ है । यह मैच बहुत निर्णायक रहने वाला था क्योंकि दोनों ही टीमें 1-1 से बराबरी कर रही थी और यह मैच जो भी जीतता तो करीब-करीब यह सीरीज भी अपने नाम कर लेता । पर यह मैच शुरू हुआ टॉस होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा टॉस और उन्होंने बल्लेबाज़ी का फैसला लिया था क्योंकी यह पिच एकदम सपाट थी जिसमे बल्लेबाजोको बहुत मदत मिलने वाली थी ।
क्योंकि भारत के 3 महत्वपूर्ण गेंदबाज़ पहलेसे ही बाहर हो गए थे इसीलिए अब भारतकी गैंदबाज़ी में सिर्फ बुमराह ही एक रेगुलर बॉलर थे । जिससे ऑस्ट्रेलिया को और भी फायदा था । पर तभीभी ऐसा लग रहा था कि इस नए बौलिंग कॉम्बिनेशन कुछ काम कर जाए पर जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज़ी के लिए आई उसके लिए भी एक खुशखबर थी कि वार्नर वापिस आगये थे पर वह पूर्ण रुपसे फिट नही थे । खेल शुरू हुआ और वार्नर का पहला विकेट जल्दी ही भारतीय गेंदबाज़ सिराज को मिल गया । पर किसे पता था कि स्टीव स्मिथ और मार्कस लबुसचंगे जिनका बल्ला अभीतक बोला नही था वह भी बोल उठा और उन दोनों ने भी मिलकर 190 से ज्यादा बनाये ।
वही नही तो उनके नए ओपनर पुविस्को जिन्होंने भी इस पिच का भरपूर फायदा उठाकर शानदार अर्धशतक लगाया । बादमे ऑस्ट्रेलिया ने खेलते खेलते 338 रन बना दिये थे । उसके बाद जब भारतीय टीम बल्लेबाज़ी के लिए उतरी तो उनके पास भी अब रोहित शर्मा उपलब्ध थे और युवा शुभमन गिल पर रोहित गिल का ज्यादा साथ न दे सके और उसिकारन वह 26 रन बनाकर जल्दी आउट होगये बादमे पुजारा और गिल ने अच्छी साझेदारी तो की पर दोनो भी उनका अर्धशतक होने के बाद आउट हो गए । अब उसके बाद भारतीय टीम की पारी थोड़ी लड़खड़ाई और विकेट पर विकेट गिरते रहै । पर राविन्द्र जडेजा अच्छा खेल रहे थे पर उनको किसीका भी साथ न मिलने के कारण वह नॉट आउट रहकर भी भारतीय टीम ऑल आउट हो गयी थी ।
पहली इनिंग के बाद ऑस्ट्रेलिया के पास 90 रन से भी ज्यादा की बढ़त थी जिसके बाद अब भारत के लिए यह मुकाबला और बाधा बन रहा था। जिसमे दूसरे इंनिंग में बची - खुची कसर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजोने पूरी करदी जिसमे उन्होंने शानदार खेल दिखाके 312 रन बनाए । जिसमें स्टीव स्मिथ ने 90 रन की और शानदार पारी खेलके वह 400 से भी अधिक रनोका टारगेट भारतके सामने रख पाए । अब यह मैच ऑस्ट्रेलिया अपने नाम कर ही लिया था क्योंकि भारत को यह लक्ष्य सिर्फ 100 ओवर में निकालना था । तो इसीकारण अब भारतके पास रहा विकल्प था कि न हारके भी जीत सकते है मतलब की वह उस मैच को ड्रा करा सकते थे । अब यही प्लान दिमाग मे रखकर भारतीय टीम ने रणनीति बनाई ।
बादमे भारतीय टीम उनकी दूसरी इंनिंग खेलने आई जिसमे उनके सामने था एक मुश्किल भरा लक्ष्य पर उनको कुछभी करके अगले दिन तक टिके रहना था जिसमे , ओपनर गिल और शर्मा आये जिन्होंने शुरुवात तो अच्छी की पर इसबार गिल भी सीर्फ़ 28 रन बनाकर चल बसे । उसके बाद पुजारा आए पर रोहित शर्मा 50 रन बनाकर आउट हो गए । अब पकड़ फिरसे ऑस्ट्रेलिया के पास थी क्यों पिछली इंनिंग में उनके विकेट्स जल्दी गिर गए थे और बादमे कप्तान अजिंक्य भी सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए ।
अब पुजारा और पंत मैदान पर डटे हुए थे पर इनका फॉर्म अच्छा नही चल रहा था । पर कहते है ना , "जब भगवान मेहरबान तो सब पहलवान" । और वैसे ही हुआ और पंत और पुजारा ने शानदार साझेदारी की जिसमे पुजारा ने 77 रन बनाए पर वह भी आउट हो गए।अब ऐसा लग रहा था कि अब भारत ऑल आउट हो जाएगी पर पंत कहा मानते वह अपने अंदाज से खेले पर दुर्भाग्यपूर्ण वह 97 रनोपर आउट हो गए । अब मैच और रोमांचक हो गया था जिसमे अब भारतको सिर्फ 100 रन चाहिये थे पर समय कम था तो वह बना नही सकते थे तो उनके पास अब मैच ड्रा करवाने के सिवाय और कोई रास्ता नही था । और भारतीय टीम की शान सर रवींद्र जडेजा जिनको अबकी बार साथ मिला और मैच में बने रहे जिसकी बदौलत भारतने यह जादू करके यह मैच ऑस्ट्रेलिया के पास से न जितने न होते हुए ड्रा किया । इसके बाद सौरव गांगुली (दादा) जिन्होंने भारतीय टिमकी सरहना की । सभी एक्सस्पर्ट भी धरे के धरे रह गए क्यों कि यह मैच जितना तो दुरकी बात वह ड्रा होना भी मुश्किल था । पर भारतीय टीम के आत्मविश्वास के कारण यह मैच ड्रा करके इस सीरीज में बने रहे । अब आखरी टेस्ट मैच में देखते है कि कौन बाज़ी मारते है तो ।
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